Sunday 22 January 2012

SREE ANNAPURNA STOTRAM – or AARTI


नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्य रत्नाकरी
निर्धूताखिल घॊर पावनकरी प्रत्यक्ष माहॆश्वरी ।
प्रालॆयाचल वंश पावनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 1 ॥
नाना रत्न विचित्र भूषणकरि हॆमाम्बराडम्बरी
मुक्ताहार विलम्बमान विलसत्-वक्षॊज कुम्भान्तरी ।
काश्मीरागरु वासिता रुचिकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 2 ॥
यॊगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मैक्य निष्ठाकरी
चन्द्रार्कानल भासमान लहरी त्रैलॊक्य रक्षाकरी ।
सर्वैश्वर्यकरी तपः फलकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 3 ॥
कैलासाचल कन्दरालयकरी गौरी-ह्युमाशाङ्करी 
कौमारी निगमार्थ-गॊचरकरी-ह्यॊङ्कार-बीजाक्षरी ।
मॊक्षद्वार-कवाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 4 ॥
दृश्यादृश्य-विभूति-वाहनकरी ब्रह्माण्ड-भाण्डॊदरी 
लीला-नाटक-सूत्र-खॆलनकरी विज्ञान-दीपाङ्कुरी ।
श्रीविश्वॆशमनः-प्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 5 ॥
उर्वीसर्वजयॆश्वरी जयकरी माता कृपासागरी 
वॆणी-नीलसमान-कुन्तलधरी नित्यान्न-दानॆश्वरी ।
साक्षान्मॊक्षकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 6 ॥
आदिक्षान्त-समस्तवर्णनकरी शम्भॊस्त्रिभावाकरी 
काश्मीरा त्रिपुरॆश्वरी त्रिनयनि विश्वॆश्वरी शर्वरी ।
स्वर्गद्वार-कपाट-पाटनकरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 7 ॥
दॆवी सर्वविचित्र-रत्नरुचिता दाक्षायिणी सुन्दरी 
वामा-स्वादुपयॊधरा प्रियकरी सौभाग्यमाहॆश्वरी ।
भक्ताभीष्टकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 8 ॥
चन्द्रार्कानल-कॊटिकॊटि-सदृशी चन्द्रांशु-बिम्बाधरी 
चन्द्रार्काग्नि-समान-कुण्डल-धरी चन्द्रार्क-वर्णॆश्वरी 
माला-पुस्तक-पाशसाङ्कुशधरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 9 ॥
क्षत्रत्राणकरी महाभयकरी माता कृपासागरी 
सर्वानन्दकरी सदा शिवकरी विश्वॆश्वरी श्रीधरी ।
दक्षाक्रन्दकरी निरामयकरी काशीपुराधीश्वरी 
भिक्षां दॆहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णॆश्वरी ॥ 10 ॥
अन्नपूर्णॆ सादापूर्णॆ शङ्कर-प्राणवल्लभॆ ।
ज्ञान-वैराग्य-सिद्धयर्थं बिक्बिं दॆहि च पार्वती ॥ 11 ॥
माता च पार्वतीदॆवी पितादॆवॊ महॆश्वरः ।
बान्धवा: शिवभक्ताश्च स्वदॆशॊ भुवनत्रयम् ॥ 12 ॥Shiv aarti in Hindi
सर्व-मङ्गल-माङ्गल्यॆ शिवॆ सर्वार्थ-साधिकॆ ।
शरण्यॆ त्र्यम्बकॆ गौरि नारायणि नमॊ‌உस्तु तॆ ॥ 13 ॥Lord Ganesha AartiHanuman ji ki AartiLaxmi Mata Aarti (Prayer to Goddess of Wealth)Ramayana ji Ki AartiSantoshi mata Aarti

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